इराक के पूर्व खुफिया एजेंसी के प्रमुख मुस्तफा अल-काधेमी ने गुरुवार को देश के अगले प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इसके साथ ही देश में पांच महीने से चल रहा राजनीतिक संकट खत्म हुआ। पूर्व खुफिया प्रमुख मुस्तफा अल-कधेमी2003 के बाद देश के छठे प्रधानमंत्री बने हैं। इस समय इराक कोरोनोवायरस महामारी के चलते गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।
उन्होंने ऐसे समय में प्रधानमंत्री का पद संभाला है, जब देश तेल राजस्व में गिरावट के बीच अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहा है। महामारी की वजह से तेल की कीमतों में गिरावट हुई है, जिससे आर्थिक दबाव बढ़ गया है। सांसदों को संबोधित करते हुए काधेमी ने कहा कि यह सरकार सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक संकट से देश को निकालने आई है। यह सरकार समस्याओं का समाधान करेगी न कि और संकट बढ़ाएगी।
संसद सत्र में 255 सांसद शामिल हुए। उन्होंने प्रधानमंत्री पद के लिए मुस्तफा अल-काधेमी के नाम के प्रस्ताव पर मंजूरी दी। काधेमी को जब प्रधानमंत्री पद के लिए नामित किया गया था तो उन्होंने खुफिया विभाग के प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था।
भ्रष्टाचार और बेरोजगारी जैसी समस्याओं को लेकर प्रदर्शन चल रहे थे
वे दिसंबर में अदेल अब्देल माहदी के प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद सरकार बनाने की कोशिश करने वाले तीसरे उम्मीदवार थे। भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और सुविधाओं की कमी जैसी शिकायतों को लेकर देश में कई महीनों से प्रदर्शन चल रहे थे। पिछले साल 1 अक्टूबर से दिसंबर महीने तक प्रदर्शन में करीब 400 लोग मारे गए थे।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने नई सरकार का स्वागतकिया
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने अल-कधेमी के साथ फोन पर बात की। उन्होंने नई सरकार का स्वागत किया और सुधारों को लागू करने और भ्रष्टाचार से लड़ने के प्रयासों पर चर्चा की।
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