कोरोनामहामारी की आड़ में पाकिस्तान ने हाफिज सईद समेत कई आतंकियों को जेल से छोड़ दिया है, जिन पर कार्रवाई का ढोंग दिखाकर वह फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ब्लैकलिस्ट में जाने से बचा था। अब जेल से बाहर आकर लश्कर-ए-तैयबा समेत कई संगठनों के दहशतगर्द भारत के खिलाफ नई साजिश की तैयारी में जुट गएहैं।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री ने पिछले महीने ट्वीट कर बताया था कि लाहौर जेल में करीब 50 कैदी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इस मौके को भुनाते हुए पाकिस्तान ने आतंकियों को तुरंत छोड़ दिया। अभी दुनिया का ध्यान कोरोनासे लड़ाई में लगा हुआ है। पाकिस्तान इसका फायदा उठाकर जमीनी हकीकत को छुपा रहा है।
कोरोना के चलते जून में होने वाली एफएटीएफ की बैठक टली
एफएटीएफ ने अभी पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखा हुआ है। इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान पर एफएटीएफ की बैठक होनी थी। कोरोनावायरस के चलते यह बैठक दो बार टाली गई है। जून में होने वाली यह बैठक के अब अक्टूबर में होने का अनुमान है। इसमें एफएटीएफ यह देखेगा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए क्या कदम उठाए हैं? संतुष्ट न होने पर एफएटीएफ पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट में भी डाल सकताहै।
कश्मीर में आतंकी घटनाओं में अचानक तेजी आई
हाल ही में जम्मू-कश्मीर में आंतकी घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इस दैरान पाकिस्तानी सेना घुसपैठ कराने के लिए लगातार सीजफायर का उल्लंघन भी कर रही है। कोरोनावायरस से लड़ने की जगह पाकिस्तान का ध्यान कश्मीर में आतंकवाद बढ़ाने पर है।
कुछ दिनों पर पहले ही न्यूज एजेंसी नेपाकिस्तानी सेना की ‘ग्रीन बुक 2020’ का खुलासा किया था। ग्रीन बुक पाकिस्तान की सेना का एक गोपनीय प्रकाशन है। पाकिस्तान सेना प्रमुख के विचारों के अलावा इसमें सुरक्षाबलों के विशेषज्ञ और देश के रणनीतिक विचारकों के लेख शामिल होते हैं। इस किताब में भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने, कश्मीर में आतंकियों को फिर से मजबूती देने और भारतीय बुद्धजीवियों की ओर से की गई सरकारी की आलोचना को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने की बात कही गई थी।
टेरर वॉच लिस्ट से आतंकियों के नाम हटाए
न्यूयॉर्क की एक रेग्युलेटरी टेक्नोलॉजी कंपनी ‘कस्टेलम. एआई’ ने खुलासा किया था कि पाकिस्तान ने अपनी टेटर वॉच लिस्ट से हजारों आतंकियों के नाम हटा दिए हैं। इसमें मुंबई हमले का मास्टर माइंड और लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी भी शामिल था। इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 में पाकिस्तान की टेरर वॉच लिस्ट में 7600 आतंकियों के नाम थे। 18 महीनों में ये घटकर 3800 हो गए हैं। मार्च की शुरुआत से अब तक करीब 1800 नाम हटाए जा चुके हैं। इन नामों को हटाने की वजह भी नहीं बताई गई।
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